Tata Group Semiconductor Assam : असम में बनेगा टाटा का सेमीकंडक्टर प्लांट

Tata Group Semiconductor Assam :  टाटा ग्रुप ईकोसिस्टम में सेमीकंडक्टर चिप के क्षेत्र में बड़ा प्रयास करने के लिए तैयार है। इस ग्रुप ने असम में देश का पहला स्वदेशी सेमीकंडक्टर प्लांट स्थापित करने की घोषणा की है। इसमें सेमीकंडक्टर की असेंबलिंग और टेस्टिंग की जाएगी। इस प्रोजेक्ट में 27,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और हजारों लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।

हाइलाइट्स

  • असम के जगीरोड में बनेगा टाटा का सेमीकंडक्टर प्लांट
  • इस प्लांट में सेमीकंडक्टर की असेंबलिंग और टेस्टिंग होगी
  • 2030 तक डिमांड एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचने की उम्मीद

नई दिल्ली: मोदी सरकार ने देश में सेमीकंडक्टर चिप के ईकोसिस्टम को विकसित करने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इनमें असम के जगीरोड में टाटा ग्रुप की सुविधा को मंजूरी देना शामिल है। केंद्र सरकार ने असम में 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्टिंग फैसिलिटी को बनाने के लिए टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह सुविधा 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित करेगी। साथ ही, यह परियोजना एआई, औद्योगिक और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में सेमीकंडक्टर चिप्स की वैश्विक मांग को पूरा करेगी। इस प्रकार, यह परियोजना भारत सरकार की सेमीकंडक्टर नीति और असम सरकार की इलेक्ट्रॉनिक्स नीति के अनुरूप है, जो पूर्वोत्तर भारत के औद्योगीकरण को बढ़ावा देगी।

टाटा संस की सहायक कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स तीन मुख्य तकनीकों – वायर बॉन्ड, फ्लिप चिप, और इंटीग्रेटेड सिस्टम्स पैकेजिंग (ISP) – पर ध्यान केंद्रित करेगी। ये तकनीकें ऑटोमोटिव, कम्यूनिकेशन, और नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण हैं। इस सुविधा का उद्देश्य एआई, औद्योगिक, और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में सेमीकंडक्टर चिप्स की वैश्विक मांग को पूरा करना है। एआई पर आधारित डिजिटाइजेशन के लिए सेमीकंडक्टर्स सबसे महत्वपूर्ण बिल्डिंग ब्लॉक हैं। टाटा ग्रुप ने एक बयान में घोषणा की है कि असम में सेमीकंडक्टर फैसिलिटी का निर्माण इसी साल शुरू होगा। इसका पहला चरण 2025 के मध्य तक पूरा होने की उम्मीद है।

कितनी होगी डिमांड

टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने व्यक्त किया कि वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण बाजार एक सुरक्षित और लचीली आपूर्ति श्रृंखला की तलाश में है। भारत में सेमीकंडक्टर फैब और असेंबली और परीक्षण परियोजना की स्थापना करके, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का लक्ष्य वैश्विक ग्राहकों को देश में अपने सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने में सक्षम बनाना है।इस परियोजना से पूर्वोत्तर भारत में प्रौद्योगिकी-संचालित औद्योगीकरण और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण योगदान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने व्यापक केंद्रीय और राज्य सेमीकंडक्टर नीतियों का विकास किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने व्यापक केंद्रीय और राज्य सेमीकंडक्टर नीतियां विकसित की हैं। यह परियोजना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सेमीकंडक्टर मिशन और असम सरकार के समर्थन से संभव हुई है।

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ और एमडी डॉ. रणधीर ठाकुर ने बताया कि यह निवेश भारत को एक वैश्विक सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करेगा और एक घरेलू ईकोसिस्टम के विकास को बढ़ावा देगा। जगिरोड फैसिलिटी के लिए पर्याप्त पानी और हरित ऊर्जा की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही यह सुबहाना, मलेशिया, वियतनाम, और सिंगापुर जैसे देशों के बगल में स्थित है। ये देश सेमीकंडक्टर पैकेजिंग और टेस्ट के महत्वपूर्ण केंद्र हैं।2030 तक ग्लोबल सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री के बढ़कर एक ट्रिलियन डॉलर पहुंचने का अनुमान है। भारत में सेमीकंडक्टर की मांग 110 अरब डॉलर पहुंच सकती है। सेमीकंडक्टर मैन्यूफैक्चरिंग में भारत की एंट्री से ग्लोबल सप्लाई चेन में जोखिम कम होगा और ग्लोबल सेमीकंडक्टकर इंडस्ट्री में भारत की भूमिका अहम होगी।

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